RAS 2018 Results: किसान की 5 बेटियां, पांचों बनीं आरएएस अफसर, जानें होनहारों के संघर्ष की कहानी

आरएएस 2018 में परचम फहराने वाले होनहारों के संघर्ष की कहानी, जिनके जुनून ने पहुंचाया उन्हें मुकाम पर
जयपुर। अभाव भले ही लाख हों, ठान लिया जाए तो व्यक्ति क्या नहीं कर सकता। आरएएस 2018 में परचम फहराने वाले होनहारों ने इसी जुनून में अपने संघर्ष को मुकाम पर पहुंचाया है। यहां पेश हैं ऐसे ही होनहारों के संघर्ष की कहानियां।
हनुमानगढ़: पहले 2 बहनें, अब शेष तीन बहनें भी बनीं आरएएस

हनुमानगढ़ जिले में रावतसर तहसील क्षेत्र के भैरूसरी गांव निवासी किसान सहदेव सहारण के पांच बेटियां हैं। इनमें से 2 बेटियां रोमा और मंजू पहले ही आरएएस में चयनित हो चुकी थीं। अब शेष 3 बेटियों अंशु, सुमन व ऋतु का आरएएस परीक्षा-2018 में चयन हुआ है। इससे गांव में खुशी का माहौल है। सहारण का परिवार गुरुवार को जयपुर से गांव पहुंचेगा तो ग्रामीण स्वागत करेंगे। सहदेव आठवीं तक पढ़े हैं और उनकी पत्नी लक्ष्मी निरक्षर हैं। रोमा झुंझुनूं के सूरजगढ़ और मंजू नोहर के को-ऑपरेटिव बैंक में पदस्थ हैं। सहदेव के सीकर निवासी दामाद महेश कुमार का भी आरएएस परीक्षा 2018 में चयन हुआ है। रोमा कहती हैं, सफलता के लिए किसी कोचिंग की नहीं बल्कि मेहनत, लगन व ईमानदारी से पढ़ाई की जरूरत है।
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